दिन’ प्रतिदिन एक दोस्त के रूप में आता है यदि हम उसका उपयोग नहीं करेंगे तो वह चुपचाप वापस लौट जायेगा.
कितने ही महान व्यक्ती अपने छोटे-छोटे समयों का उपयोग करके महान बन गए हैं.
*सुप्रसिद्ध अंगरेजी कवि मिल्टन ने ‘पैराडाइस-लौस्ट’जब लिखा था तब वह ब्रिटिश ‘कौमनवेअल्थ’और ‘प्रोतैक्टोरेट’ के मंत्री थे.
*गैलीलेओ एक डॉक्टर था परन्तु उसने अपने समय का इस प्रकार लाभ उठाया की पूरा संसार उसे जानता है.
*कवि बर्न्स ने विश्व-साहित्यकी अपनी अमरक्रती खेतों में काम करते हुए प्रदान की थी.
यदि आपके पास पूरे दिन में एक घंटा भी निकाल लें और कोई नया काम सीखें
तो आप कुछ ही दिनों में पारंगत हो जायेंगे.
*चार्ल्स फ्रास्ट एक चर्मकार था.वह नियमित रूप से प्रतिदीन एक घंटा अध्ययन करके अमेरिका में मैथ्स का सबसे बड़ा आचार्य बन गया था.
*जॉन हंटर और नेपोलियन केवल चार घंटे ही सोया करते थे.
*टॉमस अल्वा एडीसन तो केवल तीन घंटे ही सोते थे.
*पंडित जवाहरलाल नेहरु भी रात में काफी कम सोते थे.
यदि हम समय न होने का बहाना बनातें हैं तो किसी दूसरे को नहीं अपने आप को ज्यादा धोखा देते हैं.अपने सामने की घडियों को पकड़कर उनसे कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करनी चाहिए.
कबीर एक ऐसी शख्शियत जिसने कभी शास्त्र नही पढा फिर भी ज्ञानियों की श्रेणीं में सर्वोपरी। कबीर, एक ऐसा नाम जिसे फकीर भी कह सकते हैं और समाज सुधारक भी । मित्रों, कबीर भले ही छोटा सा एक नाम हो पर ये भारत की वो आत्मा है जिसने रूढियों और कर्मकाडों से मुक्त भारत की रचना की है। कबीर वो पहचान है जिन्होने, जाति-वर्ग की दिवार को गिराकर एक अद्भुत संसार की कल्पना की। मानवतावादी व्यवहारिक धर्म को बढावा देने वाले कबीर दास जी का इस दुनिया में प्रवेश भी अदभुत प्रसंग के साथ हुआ।माना जाता है कि उनका जन्म सन् 1398 में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वाराणसी के निकट लहराता नामक स्थान पर हुआ था ।उस दिन नीमा नीरू संग ब्याह कर डोली में बनारस जा रही थीं, बनारस के पास एक सरोवर पर कुछ विश्राम के लिये वो लोग रुके थे। अचानक नीमा को किसी बच्चे के रोने की आवाज आई वो आवाज की दिशा में आगे बढी। नीमा ने सरोवर में देखा कि एक बालक कमल पुष्प में लिपटा हुआ रो रहा है। निमा ने जैसे ही बच्चा गोद में लिया वो चुप हो गया। नीरू ने उसे साथ घर ले चलने को कहा किन्तु नीमा के मन में ये प्रश्न उठा कि परि...
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