शिव खेड़ा के अनमोल विचार (Motivational quotes of Shiv kheda in hindi)
शिव खेड़ा अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रोफेशनल स्पीकर और राइटर है। इनका जन्म बिहार के धनबाद तथा कॉलेज की शिक्षा श्रीराम कॉमर्स कॉलेज, दिल्ली से हुई थी। अपनी युवा अवस्था में इन्होने अमेरिका में कार धोने का, इंश्योरेंस एजेंट का काम किया था। वही पर इन्होने नार्मन विन्सेंट पील का एक लेक्चर सुना था जिससे इंस्पायर होकर ये मोटिवेशनल स्पीकर बने। शिव खेड़ा अमेरिका में "क्वालिफाइड लर्निग सिस्टम इंक" के संस्थापक हैं । वे प्रख्यात पुस्तक "जीत आपकी" के लेखक हैं।
1-हमारी बिजनेस से सम्बन्धित समस्याएं नहीं होती, हमारी लोगों से सम्बन्धित समस्याएं होती हैं।
2- जिस तरह से कोई व्यक्ति डिक्शनरी के ऊपर बैठने से स्पेलिंग्स करना नहीं सीख सकता, उसी तरह कोई भी व्यक्ति बिना मेहनत के अपनी काम करने की शक्ति नहीं बढ़ा सकता।
3- दुनिया हमें वैसी नहीं दिखती जैसी वह है, बल्कि वैसी दिखती है जैसे हम हैं।
4-सफलता सिर्फ एक संयोग नहीं है, यह हमारे नज़रिये का नतीजा है और अपना नज़रिया हम खुद चुन सकते हैं।
5- सफलता के लिए कोई जादुई छड़ी नहीं होती, वास्तविक दुनिया में सफलता सिर्फ काम करने वालों को मिलती है, तमाशबीनों को नहीं।
6- अगर आप इंजीनियर या डॉक़्टर हैं तब आप एक ही काम कर सकते हैं, परंतु आपके पास कोई डिग्री नहीं है तो आप कुछ भी कर सकते हैं।
7- हिम्मत का मतलब डर का ना होना नहीं है, हिम्मत का मतलब तो डर पर काबू पाना है।
8- जीवन में ऊपर उठते समय लोगों से अदब से पेश आएं, क्योंकि नीचे गिरते समय आप इन लोगों से दोबारा मिलेंगे।
9- अच्छे गुरु आपकी प्यास नहीं बुझाते बल्कि आपको प्यासा बनाते हैं, आपको जिज्ञासु बनाते हैं।
10- अनजान होना शर्म की बात नहीं है, लेकिन सीखने की इच्छा ना होना शर्म की बात है।
11- जो लोग इतिहास से सबक नहीं सीखते, उनकी बर्बादी निश्चित है।
12-जो करना जरूरी है उसे पसंद करो।
13- एक बेवकूफ़ बिना सोचे-समझे बोलता है, और एक बुद्धिमान सोच-समझकर।
14- छोटे लोग दूसरों के बारे में बातें करते हैं, बीच के लोग चीज़ों के बारे में बाते करते हैं और महान लोग सुझाव के बारे में।
15- बिना कड़ी मेहनत के सफलता नहीं मिल सकती, कुदरत चिड़ियों को खाना जरूर देती है, लेकिन उनके घोसले में नहीं डालती।
16- अपने घटिया नज़रिये का अहसास हो जाने पर भी हम उसे बदलते क्यों नहीं?
17- असफल होना कोई गुनाह नहीं है लेकिन सफलता के लिए कोशिश ना करना ज़रूर गुनाह है।
18- अच्छे माहौल में मामूली कर्मचारी की भी काम करने की शक्ति बढ़ जाती है, जबकि घटिया माहौल में अच्छा काम करने वाले की कार्यक्षमता कम हो जाती है।
19 - लगातार हो रही असफलताओं से निराश नहीं होना चाहिए, कभी-कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल देती है।
20- चरित्र का निर्माण तब शुरू नहीं होता जब बच्चा पैदा होता है, ये बच्चे पैदा होने के सौ साल पहले से शुरू हो जाता है।
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