सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Mother's day Quotes and shayari in Hindi / मातृ दिवस शायरी हिंदी में



मुनव्वर राना की मातृ दिवस शायरी


ऐ अँधेरे! देख ले मुँह तेरा काला हो गया,
माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया

चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है ,
मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है

सिसकियाँ उसकी न देखी गईं मुझसे 'राना'
रो पड़ा मैं भी उसे पहली कमाई देते

'मुनव्वर' माँ के आगे यूँ कभी खुलकर नहीं रोना 
जहाँ बुनियाद हो इतनी नमी अच्छी नहीं होती

अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की 'राना'
माँ की ममता मुझे बाँहों में छुपा लेती है

ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता,
मैं जब तक घर न लौटूं मेरी माँ सज़दे में रहती है।

ऐसे तो उससे मोहब्बत में कमी होती है,
माँ का एक दिन नहीं होता है सदी होती है।

Some best Shayari from various writers.

तेरे ही आंचल में निकला बचपन
तुझसे ही तो जुड़ी हर धड़कन
कहने को तो मां सब कहते पर मेरे लिए तू है तू भगवान
हैप्पी मदर्स डे

हैप्पी मदर्स डे
रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए
चोट लगती है हमें और चिल्लाती है मां हम खुशियों में मां को भले ही भूल जाएं
जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है मां

हर रिश्ते में मिलावट देखी कच्चे रंगों की सजावट देखी
लेकिन सालों साल देखा है मां को उसके चेहरे पर ना कभी थकावट देखी
ना ममता में कभी मिलावट देखी
Happy Mothers Day

मैं अपने छोटे मुख से कैसे करूं तेरा गुड़गांव
मां तेरी ममता के आगे फीका सा लगता है भगवान
हैप्पी मदर्स डे

आँख खोलू तो चेहरा मेरी माँ का हो
आँख बंद हो तो सपना मेरी माँ का हो
मैं मर भी जाऊं तो भी कोई गम नहीं
लेकिन कफ़न मिले तो दुपट्टा मेरी माँ का हो!!

ऐ मेरे मालिक
तूने गुल को गुलशन में जगह दी,
पानी को दरिया में जगह दी,
पंछियो को आसमान मे जगह दी,
तू उस शख्स को जन्नत में जगह देना,
जिसने मुझे “..नौ..” महीने पेट में जगह दी….!!

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

संत कबीर दास Sant Kabir Das Jivani(biography) In Hindi

कबीर  एक ऐसी शख्शियत जिसने कभी शास्त्र नही पढा फिर भी ज्ञानियों की श्रेणीं में सर्वोपरी। कबीर, एक ऐसा नाम जिसे फकीर भी कह सकते हैं और समाज सुधारक भी । मित्रों, कबीर भले ही छोटा सा एक नाम हो पर ये भारत की वो आत्मा है जिसने रूढियों और कर्मकाडों से मुक्त भारत की रचना की है। कबीर वो पहचान है जिन्होने, जाति-वर्ग की दिवार को गिराकर एक अद्भुत संसार की कल्पना की। मानवतावादी व्यवहारिक धर्म को बढावा देने वाले कबीर दास जी का इस दुनिया में प्रवेश भी अदभुत प्रसंग के साथ हुआ।माना जाता है कि उनका जन्म   सन् 1398 में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वाराणसी के निकट लहराता नामक स्थान पर हुआ था ।उस दिन नीमा नीरू संग ब्याह कर डोली में बनारस जा रही थीं, बनारस के पास एक सरोवर पर कुछ विश्राम के लिये वो लोग रुके थे। अचानक नीमा को किसी बच्चे के रोने की आवाज आई वो आवाज की दिशा में आगे बढी। नीमा ने सरोवर में देखा कि एक बालक कमल पुष्प में लिपटा हुआ रो रहा है। निमा ने जैसे ही बच्चा गोद में लिया वो चुप हो गया। नीरू ने उसे साथ घर ले चलने को कहा किन्तु नीमा के मन में ये प्रश्न उठा कि परि...

68 अनमोल विचार दोस्ती के लिए Friendship Quotes in Hindi

Friends, आज हम यहाँ dosti व mitrata क्या होती है सही मायने में दोस्त क्या होता है और दोस्त की क्या जिम्मेदारी होती है ये सब आज इस आर्टिकल में पड़ेंगे. मित्रो, दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता होता है जिसे ए...

Dr. Rahat Indori Famous Shayari / राहत इंदौरी की मशहूर शायरी

राहत इंदौरी के चुनिंदा शेर... About Rahat Indori Sahab:- Rahat Indori is an Indian Bollywood lyricist and Urdu language poet. He is also a former professor of Urdu language and a painter. Prior to this he was a pedagogist of Urdu literature at Devi Ahilya University, Indore. ग़ज़ल अगर इशारों की कला है तो मान लीजिए कि राहत इंदौरी वो कलाकार हैं जो अपने अंदाज में झूमकर इस कला को बखूबी अंजाम देते हैं। डाॅ. राहत इंदौरी के शेर हर लफ्ज के साथ मोहब्बत की नई शुरुआत करते हैं, यही नहीं वो अपनी ग़ज़लों के जरिए हस्तक्षेप भी करते हैं। व्यवस्था को आइना भी दिखाते हैं। शारों शायरी की इस कड़ी में आज हम पाठकों के लिए पेश कर रहे हैं डाॅ. राहत इंदौरी के कुछ चुनिंदा शेर- रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया, इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए। बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ नए किरदार आते जा रहे हैं मगर नाटक पुराना चल रहा है रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड...